Friday, April 01, 2016

क्यों? [hindi: kyon]

[hindi: kyon? meaning: why?] India. Where Mahatma Gandhi, who exemplified non-violence, is venerated as the father of the nation. When a few people of this land; my land, use violence as the first resort to settle their ideological, political, religious or regional differences, it evokes anguish. Hence the question, why?





क्यों लागे तोहे बोलो वो, दुश्मन गैर परायो?
क्यों उसके चेहरे में तुझको यार नज़र ना आयो?
क्यों उसकी चीखें तेरी कानों में ना चुभायो?
क्यों उसकी लहू बहत देख, दुख तुझे ना आयो?


हाथों में तेरी बोलोे, लाठी किसने थमायो?
जब उठाया वार करन, बचपन क्यों याद ना आयो?
ऑंखो पे काले ये परदे, बोलो किसने डालो?
मरा जानवर दिखो तुझे, इंसान नज़र ना आयो?


क्यों?…क्यों?…क्यों?…क्यों?…क्यों?…
क्यों?…क्यों?…क्यों?…क्यों?…क्यों?…


जो जान गयी इक देह से, लौटके क्या आवेगी?
उसकी अम्मा की आँखों से आँसू कब जावेगी?
दू पल की ना ज़िंदगी? दू पल को भाईचरो?
इतनी भारी थी क्या यह कि इसे ही ना निभायो?


सतरंगी है लोग यहाँ, अठरंगी सोच विचारो,
कौन सही और कौन ग़लत? ना है सब मोह मायो?
मूँ से निकले ईश्वरअल्लाह, दिल में विष क्यों पालो?
क्यों बचपन का यार मुसाफिर, इक पल में भुलायो?


क्यों?...क्यों?...क्यों?...क्यों?...क्यों?...
क्यों?...क्यों?...क्यों?...क्यों?...क्यों?...

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